चौपाई: बरुन कुबेर सुरेस समीरा। रन सन्मुखधरि काहु न धीरा॥ प्रसंग: यह प्रसंग लंका कांड से लिया गया है ।इसमें रावण वध पर उनकी पत्नी मंदोदरी विलाप कर रही है। अर्थ:- कार्य पूरा होने मे संदेह हैअत... Read more
चौपाई: गरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई॥ प्रसंग: यह प्रसंग सुन्दरकाण्ड मे हनुमान जी के लंका मे प्रवेश के समय का है। अर्थ:- इसका अर्थ है की ईश्वर का स्मरण करते हुए अविलम्ब कार... Read more
चौपाई: मुद मंगलमय संत समाजू। जो जग जंगम तीरथ राजू॥ प्रसंग: यह प्रसंग बालकाण्ड से है जिसमें संतो के सत्संग का महत्व बताया गया है। अर्थ:- इसका अर्थ यह है कि कार्य उत्तम है उसे प्रभु का नाम लेक... Read more
Sarvartha Siddhi Yoga Starting Time Ending Time July 01, 2019 (Monday) 04:59 29:00 July 04, 2019 (Thursday) 05:00 26:31 July 07, 2019 (Sunday) 20:14 29:02 July 12, 2019 (Friday) 15:58 29:04... Read more
चौपाई: होइहि सोइ जो राम रचि राखा। को करितर्क बढ़ावै साखा॥ प्रसंग: यह प्रसंग बालकाण्ड में भगवान शिव और माता पार्वती के संवाद का है। अर्थ:- आप जैसा सोचते है वैसा ही नहीं होता है, चूँकि इस कार्य... Read more
चौपाई: बिधि बस सुजन कुसंगत परहीं। फनि मनि सम निज गुन अनुसरहीं॥प्रसंग: यह प्रसंग भी बालकाण्ड के आरम्भ का है। इसमें बुरे लोगो का साथ छोड़ने को कहा गया है । अर्थ:- इसका अर्थ यह है कि दुर्जनों क... Read more
चौपाई: उघरहिं अंत न होइ निबाहू। कालनेमि जिमि रावन राहू॥प्रसंग: यह प्रसंग बालकाण्ड के आरम्भ का है जिसमें सज्जनों की संगति करने की सीख दी गयी है। अर्थ:- यह कार्य त्याग ही दें क्योंकि इस कार्य... Read more
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